दोस्ताना- ४

             शेरी कई बार मुझे विश्वास होने लगता है कि सारे रिश्ते-नाते, छोटी-मोटी घटनाएँ ये किसी तयशुदा बड़ी सी दैवी योजना का हिस्सा होती हैं। जब भी मैं पीछे मुड़कर कोई घटनाक्रम देखती हूँ, तब इस बात का एहसास अधिक होता है कि अरे!! सब बातें ऐसे हुईं मानों पहले... Continue Reading →

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