Art in Heart

यहीं कहीं एक नन्हाँ मुन्ना उनींदा सा सपना जाग हक़ीक़त बनने को बेताब खड़ा है। कलम मुन्तज़िर है कि कोई उँगलियाँ उसे उठाएँ। कागजों के ढेर में छिपी एक कहानी इंतज़ार में कब उसकी बारी आए। रंगों, ब्रशों को तकता कॅनवास उम्मीदों से सिहर रहा, कि शक्ल ले रहा है एक खयाल धीरे धीरे ज़हन... Continue Reading →

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