हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की है ना-तजरबा-कारी से वाइज़ की ये हैं बातें इस रंग को क्या जाने पूछो तो कभी पी है (ना-तजरबा-कारी= अनुभव हीनता, वाइज= धर्म गुरू) उस मय से नहीं मतलब दिल जिस से है... Continue Reading →