तुम मेरा नाम भी अक्सर इन दिनों भूल जाती हो। वो सब कुछ जो तुम्हारी जिंदगी था,और जो तुमको तुम बनाता था वो जज़्बा,जो तुम्हारी शख्सियत था,अब वो ना जाने कहाँ गुम है! भले खोई हुई सी ही सही मगर ये अब भी तुम ही हो। तुम्हारा ही लहू है, दौड़ता जो मेरी रग रग... Continue Reading →