आईंस्टाईन के जाने की कोई वजह ही नहीं थी। सच तो ये है कि उसके आने की वजह भी कभी मेरी समझ में नहीं आई। अच्छी भली सफेद, खुबसूरत बिल्ली, परी थी हमारी ज़िंदगी में, वो अचानक ही चल बसी। और फिर ये महाशय मानों कतार में खड़े इंतज़ार... Continue Reading →
आईंस्टाईन के जाने की कोई वजह ही नहीं थी। सच तो ये है कि उसके आने की वजह भी कभी मेरी समझ में नहीं आई। अच्छी भली सफेद, खुबसूरत बिल्ली, परी थी हमारी ज़िंदगी में, वो अचानक ही चल बसी। और फिर ये महाशय मानों कतार में खड़े इंतज़ार... Continue Reading →