रे मन, कितने मिडिल क्लास हो तुम!

रे मन,कितने मिडिल क्लास हो तुम! क्या कभी खुले दिल से बेधड़क, बेहिचक खुल कर, कोई भावना खर्च कर पाए हो तुम? प्यार हो,नफरत हो या चाहे क्रोध हो, हर बार पड़ जाते हो जमा-खर्च के चक्कर में। किसे बुरा लगेगा,किसे अच्छा, कौन रिश्ता बनेगा,क्या टूटेगा और किस में पड़ेंगी दरारें.. यहां तक कि तुमसे... Continue Reading →

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