सोफे पे, गद्दे पर, कुर्सी के ऊपर और टेबल के नीचे कपड़ों पे चिपके और पर्दों से लटके, प्याजों की डलिया में गमलों में, बगिया में हर लम्हा झड़ते हवाओं में उड़ते घर के हर कोने में बाल पड़े हैं। मुश्किल हटाना है दुनियांँ भर के झाडू कोशिशें कर कर के थक कर पड़े हैं।... Continue Reading →