बिल्ली विश्वविद्यालय (7)

शेर की मौसी

शहद से भरी प्यालियों सी
बड़ी बड़ी खूबसूरत आँखे,
नर्म मखमल सा बदन
मासूम चेहरा।
ईश्वर की बनाई सबसे
खूबसूरत रचना!
बड़े शाही अंदाज मे
आपके सामने है।
आप खुद को रोक नाहीं पाते।
हाथ बढा कर छू लेते हैं
उठा कर भींच लेना 
चाहते हैं गोद में।
आप नजरअंदाज कर रहे हैं
इशारे,उसकी ना ना कहती
पूंछ या हल्के से हिलती मूंछ के।

और पलक झपकते ही
निकल आती हैं तलवारें म्यानों से।
नुकीले धारदार नाखून झपट के 
खून रिसती खरोंचे छोड़, 
गायब हो जाते हैं क्षणार्ध में।
आपकी गुस्ताखी की सजा
तुरंत दी जाती है।
वहीं के वहीं।

आप नाराज हैं कि 
आप तो बस प्यार 
करना चाहते थे।
पर क्या आपने ये जानने की
कोशिश की, 
कि वो क्या चाहती है?

उसके अलावा भी
आप दो बातें भूल गए...

पहली तो ये कि वो आपका 
खिलौना या आपकी गली की
कोई मासूम लड़की नहीं
शेर की मौसी है, 
और दूसरा उससे भी ज्यादा
जरूरी आप ये भूल गए
कि उसके यहां 
ना का मतलब 
बस ना ही होता है।

                   स्वाती

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